भारतीय रेलवे टिकटिंग सिस्टम को और सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए लगातार बदलाव कर रहा है. अब रेलवे तत्काल टिकट बुकिंग में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है, जो यात्रियों के लिए नई प्रक्रिया तो लाएगा ही, साथ ही टिकटों की कालाबाजारी पर भी लगाम लगाएगा |आने वाले दिनों में काउंटर से मिलने वाले तत्काल टिकट केवल ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद ही जारी किए जाएंगे. यानी बिना ओटीपी के टिकट मिलना लगभग नामुमकिन हो जाएगा |
क्यों शुरू किया जा रहा है OTP – बेस्ड तत्काल सिस्टम?
तत्काल टिकटों की सबसे बड़ी समस्या हमेशा यही रही कि इनका दुरुपयोग होता था. कई बार फर्जी नंबर, एजेंटों की मिलीभगत और गलत तरीके से बुकिंग की शिकायतें सामने आती थीं. रेलवे का मानना है कि OTP-बेस्ड सिस्टम इस तरह के दुरुपयोग को बहुत हद तक रोक देगा और असली यात्रियों को ही टिकट मिल सकेगा. इससे टिकट बुकिंग में पारदर्शिता और भरोसा दोनों बढ़ेंगे |
ऑनलाइन टिकटिंग में पहले ही हो चुका है बदलाव
रेलवे ने पहले इस मॉडल को ऑनलाइन टिकटिंग में आजमाया है. जुलाई 2025 में ऑनलाइन तत्काल टिकटों के लिए आधार-बेस्ड ऑथेंटिकेशन शुरू किया गया था. इसके बाद अक्टूबर 2025 में सभी जनरल रिजर्वेशन के लिए ऑनलाइन OTP वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया. इन दोनों बदलावों को यात्रियों ने आसानी से अपनाया और रेलवे को टिकट प्रक्रिया में ज्यादा पारदर्शिता मिली है |
अब काउंटर टिकटों में भी आएगा OTP का नियम
17 नवंबर 2025 से रेलवे ने OTP-बेस्ड तत्काल टिकट बुकिंग का काउंटर पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. शुरुआत कुछ ट्रेनों से हुई और धीरेधीरे इसे बढ़ाकर 52 ट्रेनों तक लागू किया जा चुका है. इस सिस्टम के अनुसार, जब कोई यात्री काउंटर पर तत्काल टिकट बुक कराता है, तो उसे बुकिंग फॉर्म में दिए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाता है. यह ओटीपी काउंटर पर बताने के बाद ही टिकट कन्फर्म होता है. अगर ओटीपी सही नहीं है या मोबाइल नंबर गलत है, तो टिकट जारी नहीं किया जाएगा |
जल्द सभी ट्रेनों में होगा लागू
रेलवे की योजना है कि अगले कुछ दिनों में यह सिस्टम पूरे देश की सभी ट्रेनों में लागू कर दिया जाए. इसका उद्देश्य केवल तकनीकी बदलाव करना नहीं, बल्कि टिकट वितरण को ज्यादा न्यायसंगत और पारदर्शी बनाना है. इससे टिकट बेचने में होने वाली गलतियों या गड़बड़ियों पर सख्ती से रोक लगेगी और यात्रियों को भी भरोसा रहेगा कि टिकट सही तरीके से बुक हुआ है |
यात्रियों को क्या फायदा होगा?
इस सिस्टम के शुरु होने से टिकटों की दलाली और गलत बुकिंग में कमी आएगी, काउंटर बुकिंग में सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ेगी और फेक आईडी और गलत मोबाइल नंबर का खेल खत्म होगा. रेलवे का यह कदम यात्रियों में भरोसा बढ़ाने के साथ-साथ टिकटिंग प्रणाली को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है |
———————–
📝 Disclaimer
The content of this post is not originally published by us. The news and information provided here are sourced from trusted online sources, including NewsOnline.co.in
. We share this content only for informational and educational purposes. All rights to the original content belong to their respective owners. If you are the original author or copyright holder and wish to have this content removed or modified, please contact us, and we will take immediate action.


