नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को भारत की आधिकारिक यात्रा पर भारत आ रहे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके खासमखास दोस्त पुतिन करीब 30 घंटे का समय साथ साथ गुजारेंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी। इससे पहले वे दिसंबर 2021 में दिल्ली आए थे।
यह दौरा दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के खास मौके पर हो रहा है और 23वाँ भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन इसी दौरान आयोजित होगा। वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव के बीच इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। पुतिन का यह दौरा भले दो दिन का है, लेकिन दिल्ली में उनका ठहराव करीब 30 घंटे का होगा। वे 4 दिसंबर की शाम लगभग 6 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे। आगमन के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके साथ निजी डिनर और कुछ अनौपचारिक मुलाकातें करेंगे।
अगले दिन यानी 5 दिसंबर की सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत समारोह होगा। इसके बाद पुतिन राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। फिर हैदराबाद हाउस में दोनों नेताओं के बीच पहले सीमित दायरे की वार्ता और उसके बाद बड़े प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी। दोपहर में प्रतिनिधिमंडलों के साथ लंच में कुछ प्रमुख भारतीय उद्योगपति भी शामिल हो सकते हैं। लंच के बाद कई द्विपक्षीय समझौतों और परियोजनाओं की घोषणा की जाएगी, जिसके बाद दोनों नेता मीडिया को संबोधित करेंगे। दोपहर में ही भारत-रूस बिजनेस फोरम का आयोजन होगा जिसमें पुतिन और मोदी दोनों हिस्सा ले सकते हैं। शाम को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से राजकीय भोज होगा। भोज समाप्त होने के बाद रूसी राष्ट्रपति भारत से रवानगी लेंगे।
ऊर्जा, व्यापार, निवेश, अंतरिक्ष पर होगी चर्चा
इस शिखर सम्मेलन में रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, निवेश, अंतरिक्ष और परमाणु सहयोग समेत कई क्षेत्रों में अहम समझौते होने की संभावना है। रूसी पक्ष पहले ही संकेत दे चुका है कि अतिरिक्त एस-400 वायु रक्षा रेजीमेंट की डिलीवरी और पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर एसयू-57 की भारत को पेशकश पर बात आगे बढ़ सकती है। एसयू-57 के मामले में तकनीक हस्तांतरण और भारत में संयुक्त उत्पादन का प्रस्ताव भी चर्चा में है। इसके अलावा दोनों देश ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार असंतुलन को दूर करने, रुपी-रूबल भुगतान व्यवस्था को मजबूत करने और अफगानिस्तान, मध्य एशिया तथा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समन्वय जैसे मुद्दों पर भी गहन विचार-विमर्श करेंगे। पुतिन-मोदी की यह मुलाकात केवल औपचारिक वार्ता नहीं होगी बल्कि आने वाले वर्षों में भारत-रूस विशेष रणनीतिक साझेदारी की नई दिशा और गति तय करेगी। युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों के बीच रक्षा एवं ऊर्जा सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है, और यह यात्रा उस साझेदारी को और गहरा करने का बड़ा अवसर है।
4 नवंबर शाम 6 बजे भारत पहुंचेंगे पुतिन
रुसी पुतिन शाम को करीब 6 बजे भारत पहुंचेंगे। आगमन के बाद उनकी कुछ महत्वपूर्ण मीटिंग्स होंगी, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्राइवेट डिनर और अन्य निजी कार्यक्रम शामिल हैं।
5 नवंबर को होगा स्वागत
पुतिन के लिए 5 नवंबर को सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत समारोह होगा, इसके बाद राजघाट जाकर श्रद्धांजलि देंगे। सीमित दायरे की वार्ता, फिर हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत। और साथ में लंच होगा जिसमे कुछ प्रमुख उद्योगपति भी शामिल हो सकते हैं। हैदराबाद हाउस में समझौतों की घोषणा कर सकते हैं।
भारत-रूस बिजनेस फोरम, जिसमें दोनों नेता शामिल हो सकते हैं। राष्ट्रपति की ओर से शाम को राज्य भोज के बाद पुतिन भारत से प्रस्थान करेंगे।
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