वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वेनेजुएला के ऊपर और उसके आसपास का पूरा एयरस्पेस ‘पूरी तरह बंद’ माना जाए। उन्होंने यह नहीं बताया कि इसका मतलब क्या है या आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, लेकिन इतना साफ है कि अमेरिका अब खुले तौर पर वेनेजुएला पर दबाव बढ़ा रहा है। ट्रंप पहले भी कई बार इशारा कर चुके हैं कि कैरिबियन और प्रशांत में अमेरिकी नेवी जिन संदिग्ध ‘ड्रग बोट्स’ पर हमला कर रही है, वह कार्रवाई आगे चलकर जमीन पर भी बढ़ सकती है। कोलंबियाई गुरिल्ला संगठन, खासकर ईएलएन, वेनेजुएला के पश्चिमी इलाकों में सक्रिय हैं। सत्ताधारी पार्टी के कोलेक्टिवोस मोटरसाइकिल स्क्वॉड्स में घूमकर प्रदर्शनकारियों को डराते हैं। विपक्ष का आरोप है कि कुछ सैन्य यूनिट ड्रग कार्टेल से जुड़े हैं। मादुरो सरकार हमेशा इन आरोपों को खारिज करती है और कहती है कि अमेरिका वेनेजुएला के तेल भंडार पर कब्जा करने के लिए ‘रिजीम चेंज’ चाहता है।
दिलचस्प बात यह है कि यही ट्रंप कुछ हफ्ते पहले वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से फोन पर बात भी कर चुके हैं और मादुरो के वॉशिंगटन दौरे की चर्चा भी हुई थी। यानी रिश्ता टकराव और बातचीत दोनों के बीच झूल रहा है।
वेनेजुएला के एयरस्पेस को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बयान दिया है उसका असर भी साफ दिख रहा है। फ्लाइट रडार 24 के डेटा के मुताबिक वेनेजुएला का एयरस्पेस पूरी तरह खाली है। सभी कॉमर्शियल प्लेन उसके एयरस्पेस से बचकर निकल रहे हैं। ट्रंप की धमकी के कई घंटों बाद क्यूबा का एक जेट वेनेजुएला के एयर स्पेस में दाखिल हुआ।सवाल उठता है कि क्या अमेरिका वेनेजुएला पर हमला कर सकता है?
असलियत यह है कि अमेरिकी सेना की तुलना में वेनेजुएला की सैन्य ताकत बेहद छोटी और कमजोर है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक सालों से खराब ट्रेनिंग, पुराने हथियार, रूस से खरीदा लेकिन अब जर्जर हो चुका उपकरण इन सबने वेनेजुएला की फौज को अंदर से कमजोर कर दिया है। मादुरो सैन्य वफादारी बनाए रखने के लिए अधिकारियों को सरकारी पद देते रहे हैं, लेकिन मैदान स्तर के सैनिकों की सैलरी मुश्किल से 100 डॉलर महीना है, जो एक परिवार की जरूरतों का लगभग पांचवां हिस्सा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अमेरिका हमला करता है तो भगदड़ और डेजर्टशन (सैनिकों का पलायन) काफी बढ़ सकता है। जिन जवानों को लड़ाई का तजुर्बा है, वह भी हथियारबंद दुश्मनों से नहीं बल्कि पिछले वर्षों में सड़क पर उतरे आम प्रदर्शनकारियों से भिड़ने का। वहीं लीक हुए सैन्य दस्तावेजों के मुताबिक मादुरो सरकार दो रणनीतियों पर काम कर रही है। अगर अमेरिका हवाई या जमीनी हमला करता है, तो वेनेजुएला छोटे-छोटे सैन्य यूनिटों को 280 से ज्यादा जगहों पर बिखेर देगा। यानी पूरे देश में सबोटाज, छोटी-छोटी घात लगाकर हमले, और शहरों में अव्यवस्था पैदा करना। 5,000 रूसी इगला मिसाइलें पहले ही तैनात कर दी गई हैं। इसमें इंटेलिजेंस एजेंसी और सत्ताधारी पार्टी के हथियारबंद समर्थक राजधानी कराकास में जानबूझकर अव्यवस्था फैलाएंगे, ताकि शहर को ‘अशासित’ बनाया जा सके। सरकार ने इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है, लेकिन कई वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र इसकी पुष्टि करते हैं।
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