व्यापार: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आगामी केंद्रीय बजट 2026-27 की तैयारियों के तहत देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ पहली पूर्व-बजट परामर्श बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई। वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी।
बैठक में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के सचिव, भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस बैठक के माध्यम से सरकार ने आर्थिक विशेषज्ञों से बजट से जुड़ी नीतिगत प्राथमिकताओं, विकास की रणनीतियों और वित्तीय स्थिरता पर सुझाव आमंत्रित किए।
पूर्व चर्चाओं की शृंखला की शुरुआत
अर्थशास्त्रियों के साथ बजट – पूर्व परामर्श सुबह 10 बजे शुरू हुआ और दोपहर 12 बजे तक चला। इसके बाद दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक प्रख्यात कृषिविदों और किसान संगठनों के साथ परामर्श का एक और दौर होगा। ये बैठकें बजट- पूर्व चर्चाओं की शृंखला की शुरुआत का प्रतीक हैं, जिसे वित्त मंत्रालय हर साल बजट तैयार करने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में आयोजित करता है।
क्यों की जाती हैं ये बैठकें?
बजट- पूर्व बैठक, अंतिम वार्षिक बजट तैयार करने और उसे विधानमंडल में प्रस्तुत करने से पहले, सरकारी वित्त अधिकारियों और वित्त मंत्री की विभिन्न हितधारकों के साथ आयोजित परामर्श और चर्चा की प्रक्रिया है। ये बैठकें वित्त मंत्री के लिए उद्योग संघों, ट्रेड यूनियनों, अर्थशास्त्रियों, राज्य सरकार के अधिकारियों और सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न प्रकार के प्रतिभागियों से सुझाव, मांगें और इनपुट एकत्र करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती हैं।
इन चर्चाओं के माध्यम से वित्त मंत्रालय का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि केंद्रीय बजट विविध दृष्टिकोणों को प्रतिबिंबित करे और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करे। अर्थशास्त्रियों और कृषिविदों के साथ आज का परामर्श सरकार की व्यापक सहभागिता प्रक्रिया का पहला चरण है, जो केंद्रीय बजट 2026-27 की प्रस्तुति तक ले जाएगा।
1 फरवरी को पेश होगा बजट
केंद्रीय बजट आमतौर पर हर साल 1 फरवरी को पेश किया जाता है। इस साल भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में 2026-27 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) सहित विभिन्न चैंबर ऑफ कॉमर्स ने केंद्रीय बजट 2026-27 के लिए अपना बजट पूर्व ज्ञापन मंत्रालय को सौंप दिया है। उन्होंने सरकार से प्रत्यक्ष कर सुधारों की एक शृंखला अपनाने, कर आधार बढ़ाने, विनिर्माण, नवाचार और कर अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।
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