रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिन की बैठक बुधवार से शुरू हो चुकी है | आज इसका तीसरा और आखिरी दिन है. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा, जो MPC के चेयरमैन भी हैं, शुक्रवार सुबह 10 बजे पॉलिसी का नतीजा घोषित करेंगे. बाजार में इस बात को लेकर अलगअलग राय है कि RBI फिर से रेट कट शुरू करेगा या अभी के लिए रोक जारी रखेगा, खासकर तब जब पिछले क्वार्टर की GDP उम्मीद से ज्यादा मजबूत रही है|
GDP और महंगाई के आंकड़े क्या कह रहे हैं?
सितंबर क्वार्टर में भारत की GDP 8.2% बढ़ी, जो अनुमान से ज्यादा है और इससे पॉलिसी सपोर्ट जारी रखने का तर्क मजबूत होता है. लेकिन दूसरी तरफ, महंगाई (इंफ्लेशन) अनुमान से कहीं ज्यादा तेजी से नीचे आई है | दो महीने से महंगाई RBI के 26% के टारगेट बैंड के नीचे बनी हुई है. अक्टूबर में रिटेल महंगाई सिर्फ 0.25% रह गई GST कटौती, बेस इफेक्ट और सब्जियों-फलों की कीमतों में बड़ी गिरावट की वजह से. RBI फरवरी पिछले साल से अब तक रेपो रेट में कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती कर चुका है और इसे 5.5% तक लाया, लेकिन अगस्त और अक्टूबर में रेट्स को स्थिर रखा गया |
एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय
कई अर्थशास्त्री मानते हैं कि RBI इस बार सावधानी बरतेगा क्योंकि अभी की रेट लेवल भी अच्छी-खासी “पॉजिटिव रियल रेट” दे रही है | मदन सबनवीस (बैंक ऑफ बड़ौदा) ने कहा कि ये क्लोज कॉल है और हालात देखते हुए पॉलिसी रेट में बदलाव की जरूरत नहीं दिखती. दूसरी तरफ, कुछ विशेषज्ञ एक और रेट कट की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि महंगाई काफी नीचे आ चुकी है और आगे ग्रोथ में कुछ दबाव रह सकता है | HDFC बैंक के मुताबिक, FY27 की तीसरी तिमाही तक महंगाई 4% से भी नीचे रह सकती है, इसलिए 25 bps कट की संभावना है |
CRISIL के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि अक्टूबर में कोर इंफ्लेशन 2.6% रहा और इससे दिसंबर में 25 bps कट की गुंजाइश बनती है |संदीप वेंपाटी (BJP) ने कहा कि भारत दुनिया की उन गिनती की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में है जहां ग्रोथ बढ़ रही है और महंगाई घट रही है, इसलिए RBI के लिए फैसला मुश्किल नहीं होना चाहिए. उनके अनुसार, MPC ग्रोथ बढ़ाने के लिए रेट कट कर सकती है 25 या फिर 50 bps तक |
क्या रहेगा बड़ा फोकस?
भले ही RBI रेट न बदले, लेकिन बाजार उसकी गाइडेंस को ध्यान से देखेगा लिक्विडिटी, आगे की रेट पॉलिसी और अर्थव्यवस्था की तस्वीर पर क्या संकेत मिलते हैं. कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ज्यादा कट लगाने से रिस्क भी है जैसे बीपी (Balance of Payments) पर असर और बैंकों के फंड जुटाने की दिक्कतें. ICRA की अदिति नायर के मुताबिक, GDP लगातार उम्मीद से ज्यादा आ रही है, इसलिए रेट कट की तुरंत जरूरत नहीं है, हालांकि महंगाई के अच्छे आंकड़े राहत देते हैं. RBI का लक्ष्य है कि महंगाई 4% के आसपास रहे, +/- 2% की सीमा में |
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