ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया की हालत गंभीर है। 80 साल की खालिदा जिया इस वक्त ‘बेहद नाजुक’ स्थिति में हैं और डॉक्टर लगातार उन पर नजर रखे हुए हैं। खालिदा जिया को बीती रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था जब उन्हें सीने में तेज संक्रमण हुआ, जिसने उनके दिल और फेफड़ों दोनों को प्रभावित किया। डॉक्टरों के मुताबिक उनकी स्थिति में तेजी से गिरावट आई है। उनकी सलामती के लिए देशभर की मस्जिदों में दुआएं की जा रहीं हैं। बता दें कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और खालिदा जिया एक दूसरे को शत्रु की नजर से देखते हैं।
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि गुरुवार रात डॉक्टरों ने परिवार को बताया कि उनकी हालत ‘अत्यंत गंभीर’ हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, हम पूरे देश से दुआ की अपील कर रहे हैं। मदर ऑफ डेमोक्रेसी बेगम जिया के लिए आज देशभर की मस्जिदों में खास दुआ की गई है। बीएनपी के कार्यकर्ताओं में भी उनकी तबीयत को लेकर भारी चिंता है और पार्टी के कई नेता अस्पताल के बाहर मौजूद हैं। खालिदा जिया पिछले कई वर्षों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं। उन्हें लिवर, किडनी, डायबिटीज, आर्थराइटिस और आंखों से जुड़ी बीमारियां हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उम्र और लगातार बढ़ती जटिलताओं के कारण उनकी रिकवरी बहुत धीमी है।
बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने भी खालिदा जिया की स्वास्थ्य स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। उनके ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वह लगातार डॉक्टरों से अपडेट ले रहे हैं और उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इलाज में किसी भी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए। यूनुस ने कहा, इस कठिन समय में बेगम जिया देश के लिए बड़ी प्रेरणा हैं। उनकी अच्छी सेहत बेहद जरूरी है।उनके बड़े बेटे और बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारीक रहमान 2008 से लंदन में रह रहे हैं। उनके छोटे बेटे अरफात रहमान का 2025 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। इस समय परिवार के सीमित सदस्य ही उनके इलाज के दौरान अस्पताल के संपर्क में हैं। इस साल 6 मई को खालिदा जिया लंदन से इलाज करवाकर वापस ढाका लौटी थीं। वहां वे चार महीने तक एडवांस मेडिकल ट्रीटमेंट पर थीं। वापसी के बाद उनकी सेहत स्थिर बताई जा रही थी, लेकिन पिछले हफ्ते अचानक उनकी हालत बिगड़ गई।बांग्लादेश की राजनीति इस वक्त बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रही है। 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले हिंसक प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई थी और बीएनपी नए राजनीतिक परिदृश्य में प्रमुख पार्टी बनकर उभरी। फरवरी 2026 में बांग्लादेश का चुनाव हो सकता है। ऐसे समय में खालिदा जिया की बिगड़ती हालत बीएनपी और उसके समर्थकों के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।
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